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शनिवार, 7 नवंबर 2020

शबाना आंटी की मस्त चुदासी


 में नागपुर शहर में रहता हू यह बात 2011 है कि जब में नया नया नागपुर में रहने के लिए गया। मेरे पिताजी का तबादला हुआ था हम लोग एक मकान किराए पे लिया। वो बस्ती सभी समाज के लोगों की ज्यादा थी। आप लोगो को बोर नहीं करते हुए। कहानी पे आता हूँ हमारे पड़ोस में एक मुस्लिम परिवार रहता था हम नए होने के कारण उस परिवार ने हमें बहुत मददत की। उनका आना जाना चालू हो गया एक दिन में अपने कमरे में बैठकर कम्प्यूटर पर काम कर रहा था। शबाना आंटी की मेरे को देखकर बोली की क्या तुम मुझे सिखाओंगे! मेने बोला क्यों नहीं ! तुम मेरे खाली समय में आ सकते हो। शबाना के बारे में आप को बता हिं दू दोस्तो क्या चीज़ है यार! बूब्स की साइज बोले तो उसकी पंजाबी ड्रेस मेसे बाहर आने को करते है। और सफेदी की झनकार और उसकी एक बात उसका चेहरा कोई भी देखेगा तो देखता ही रह जाएगा। थोड़ी मोटी जरूर है लेकिन क़यामत लगती है। उसका एक लड़का ही है। उसका पति ज्यदातर बाहर शहर से बाहर ही रहता था। इसलिए आये दिन महीने के महीने अकेली रहती थी। अब उसने मुझसे पूछा कि कंप्यूटर सिखाएं गे मेने हा बोल दिया। टाइम तो मेने बोला कल 2 बजे। क्यों की मेरे घर पर कोई नहीं रहेगा कि पिताजी बाहर निकल जाएंगे और मम्मी भी अपने कामों में बीजी रहती हैं। दूसरे दिन शबाना तैयार हो कर आ गई। शिक्षा के लिए लिए। मेरे पास बैठकर पूछा की इसे क्या कहती है मेने बोला रुको थोड़ा मैडम सब कुछ सिखाऊंगा शांत रहो प्लीज।इसे माउस कहते है। इसको ऐसे रखो !ओ बोली केसे में बोला अपना हाथ इसपर रखो। उसके हात पर मेने अपना हाथ रख दिया और माउस चलना सीखा रहा तब तक मेरा हात उसके बूब्स को टच कर ने लगा दिया। तो मेरा लंड खड़ा होने लगा और उसने बोला हात दबाकर । कायदे से सिखा ओ मेने बोला आप को सीखना होगा तो ये सब करना ही चाहिए क्यों की इस माउस का कहना है और ये ऐसा ही चलना चाहिए ओ बोली ठीक है गुरुजी! में बोला दबाकर इसे ऊपर को उपर लेते समय मेरे हात से उसका बूब्स पूरा दबा दिया। ओ हसने लगी थी मेने सोचा अपना काम शुरू हो जाएगा लाइन क्लियर हैं। शबाना को भी अच्छा लगने लगा था। इतने बड़े स्तन, महिला की वासना और मोठे मोठे स्तन उसके बारे में ज्यादा नहीं बोलेंगे। कहानी पे आता हूं नरम नरम बूब्स छूने के बाद मेरे शरीर में कपकपी जुट गई और में कपकपट्टे लगा की यार क्या चीज़ों में शबाना! फिर मेने उसको बोला कि कल आना! तो ओ बोली की अभी सिर्फ 15 मिनिट हुए हैं। रोज इतना टाइम सिखाएंगे तो मे यह 10 साल मे भी मे सीख नहीं सकती। मेने बोला ठीक है रोज दो घंटे पढ़ौंगी। लेकिन आप भी कुछ पूछोगी नहीं ठीक है। ओके टिक है। फिर मैंने सीखाना चालू कर दिया और अपना भी काम शुरू किया सीखते हुए स्तन दबाना। पहले दिन बहुत अच्छा लग रहा था। अब दूसरे हिस्से में दोस्त से मिलना जरूर काम शुरू हो जाएगा लाइन क्लियर हैं। शबाना को भी अच्छा लगने लगा था इतने बड़े स्तन देख कर शबाना आते ही, मेरा लुंड खड़ा हो जाता था। शबाना को सिखाते हुवे मेने मेरा हात एसा रखा की शबाना का स्तन टच होता रहे। शबाना समझ गई की मेरी दिल मे क्या है। मेरा लुंड खडा उसने देख लिया। मुझे कहने लगी !आप कुछ आगे बड़ो सीखने के लिए। मे समझ गया यह क्या चाहती है, मेने पूरा हात शबाना के बूब्स पर रख दिया। और मसलने लगा, शबाना को भी मजा आने लगा था। उसने उअसका हात मेरी लुंड पर रख दिया और सहलाने लगी। मेने शबाना के स्तन पंजाबी ड्रेस मेसे बाहर निकाल कर दिए और चूसने लगा।

शबनाने मेरा लुंड बाहर निकला और चूसने लगी। मे भी शबाना के स्तन चूसने लगा और चूत को सहलाने लगा। अब शबाना बोली अपने कपडे उतरो !मे बोला तुम भी उतारो !हम दोनों अब बिना कपड़ो के रूम मे थे। मेने समय न गमाते हुवे, शबाना के चूत पर अपना लुंड रख दिया, एक है झटके मे आधा चला गया। शबाना चीखी और बोली !तुम्हारा लुंड मेरी पति से बहुत बड़ा है। प्लीज इसे बाहर निकालो ? मे कहा सुनाने वाला था। मेने जोर जोर से झटके मरना चालू कर दिया और शबाना आह !!!!!!!!आह !!!!!""!करने लगी मे जोर जोर से पेलने लगा शबाना बोली मुझे दर्द हो रहा है प्लीज बाहर निकालो मेने झटके जोर से देने शुरू किये। शबाना झडने वाली थी। ुअसने मुझे जोर से दबाना शुरू किया और झड गई मेरा लुंड मुह मे लेके चूसते हुवे मेरा माल निकाल दिया। अब जब कभी मेरी चोदने की मन करता तो मे शबाना को बुलाता हु। शबाना अणि मर्जी से आती है। "  

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