शनिवार, 7 नवंबर 2020

शबनम का सहारा


 में आप लोगो को पहले शबनम के बारे में बता दू शबनम एक ३२ साल की लड़की है औरत इसलिए नहीं बोल सकते कि उसकी अदाएं किसी लड़की से कम नहीं है। ओ जबचलती हैं तो कयामत आती हैं उसकी हाइट ५_३ इंच की होंगी उसके बड़े बड़े बूब्स अपने ब्लाउस में कभी रुकते नहीं हो सकता है अच्छी बड़िया दिखने वाली औरत थी उसके बूब्स जो भी एक बार देखे देखतारहता हैं मेरी यह कहानी शबनम की जुबानी आप लोगो को बोर नहीं कर सकता कहानी पे आता हूं

जब मैं बस से सफर कर रही थी बस में ही मेरे बगल में एक व्यक्ति बैठे हुए थे उनकी उम्र ४२वर्ष की थी। मैंने उनसे बात की तो उनके दुख का मुझे पता चला उनका नाम विनोद है वह मेरे साथ बैठे हुए थे। वह बहुत ही दुखी थे मैंने उन्हें पूछा कि आप इतने दुखी क्यों हैं वह कहने लगे मैं अब अकेला रहता हूं मेरे बच्चों ने भी मुझे घर से निकाल दिया है मैं इस बात से बहुत ज्यादा दुखी हूं। जब यह बाद मैंने सुनी तो मुझसे भी उनका दुख बिल्कुल नहीं देखा गया। मैंने उनसे कहा कि आपकी पत्नी कहां है वह कहने लगे मेरी पत्नी का देहांत हो चुका है अब मैं अकेला ही रहता हूं।

मेरे पास एक छोटा सा घर है मैं उस घर में ही रहता हूं।  उनकी नजर मेरे बूब्स पर बात करते समय थी उन्होंने जब बस ने ज़टका मारा तो मेरे बूब्स को टच कर दिया मुझे उनका टच बाहों त अछा लगा ओ बातो बातो में मेरे बूब्स को टच कर रहे थे मैं उनके दुख को नहीं देख पाई और मैंने भी उनकी जांघ पर अपने कोमल हाथ को रख दिया जब मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखा तो वह एकदम से सीधे खड़े हो गए थे। मुझे नहीं पता कि ऐसा उस दिन उन्होंने क्यों किया। मैंने उनसे उनका घर पूछ लिया था मैने उनसे कहा कि आप जब भी अकेले हो तो आप मेरे घर पर आ जाया किजिए मैं आपको अपना नंबर देती हू। मैंने विनोदजी को फोन नंबर दे दिया था। एक दिन विनोद जी ने मुझे फोन कर दिया और पूछने लगे शबनम बेटा तुम क्या कर रही हो। मैंने उन्हें कहा कि मैं तो घर पर ही हूं और घर की सफाई कर रही थी। विनोद जी ने मुझसे कहा कि क्या तुम मुझसे मिल सकती हो। मैं उनसे मिलने के लिए उनके घर पर चली गई थी। जब मैं उनके घर पर गई तो मैंने विनोदजी से कहा आपकी तबीयत तो ठीक है। वह कहने लगे हां मेरी तबीयत तो ठीक है लेकिन क्या तुम मेरी कमर को दबा सकती हो मेरी कमर बड़ी दर्द हो रही है। उन्होंने जब अपने कुर्ते को उठाया तो उनकी छाती पर बहुत बाल थे वह पेट के बल बिस्तर पर लेट गए। मेने जब उणकी मलिश शुरू की तो तेल लगाया तो उन्होंने मुझे कहा कि तेल के कारण तुम्हारे कपड़े कराब हो सकता है तो संभाल कर मलिष करो मेने सोचा कि घर जाने के बाद अगर सलमान को यह बात पता चली तो मेरा त लाख होहीगया मेने अपनी साड़ी उतार कर एक साइड पे रख दिया और मालिश कर रही थी मेरे बूब्स को विनोद जी बार बार देख रहे थे मालिष करते समय मेरे बूब्स को टच कर रहे थे में गर्म हो चुकी थी लेकिन मेरा द्यान सिर्फ मलीश पे था

मैंने उनकी कमर पर अच्छे से मालिश की और उन्होंने भी एकाध बार अपने हाथों से मेरे स्तनों पर टच कर लिया था मुझे लगा शायद वह ऐसे ही कर रहे होंगे लेकिन उनके दिमाग में मेरे लिए गंदे ख्याल आ रहे थे। मैं उस वक्त नहीं समझ पाई मैंने उनकी कमर की मालिश की वह बहुत खुश हो गए थे। उन्होंने मुझे कहा कि तुम मेरी बहुत सेवा कर रही हो यदि तुम इसी प्रकार से मेरी सेवा करती रहोगी तो मैं तुम्हें जरूर ही उसका मेवा दूंगा। मैंने विनोदजी से कहा कि बुजुर्ग लोगों की सेवा करनी चाहिए। वह कहने लगे तुम बहुत ही अच्छी हो और यदि तुम्हारी तरह ही सब लोग के बारे मे सोचने लगी तो कितना अच्छा होगा। मैं उस दिन विनोद जी के साथ काफी देर तक बैठे रही। उसके बाद जब मैं घर पर आ गई तो मैं सोचने लगी कि विनोद जी ने मेरे स्तनों पर हाथ क्यों लगाया होगा। एक दिन मै पूरे मूड में थी, मैंने अपने पति से कहा कि आज मेरी बड़ी इच्छा हो रही है क्या तुम मेरी प्यास बुझा दोगे। मेरे पति ने उसे दिन मुझे घोड़ी बनाकर चोदा था मेरे स्तनों पर उन्होंने दांत भी मार दिए जिससे कि मेरे स्तनों से खून भी निकलने लगा था। मैंने जब अपने पति से कहा कि आपने ऐसा क्यों किया तो वह कहने लगे आज मैंने रास्ते में एक महिला को देख लिया और उसके बड़े बड़े स्तन देखकर मैं बिल्कुल भी अपने आप को नहीं रोक पाया इसीलिए मैंने तुम्हारे स्तनों पर दांत मार दिए। मेरे पति बहुत ही ज्यादा ठरकी हो गए थे और उन्होंने उस दिन जिस प्रकार से मेरे स्तनों पर अपने दांत के निशान मारे मुझे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था। एक दिन विनोद जी का मुझे फोन आया वह मुझे कहने लगे क्या मैं तुम्हारे घर पर आ सकता हूं। मैने उन्हें कहा क्या आपको मुझसे पूछने की जरूरत है आप मेरे घर पर आ जाइए। जब वह हमारे घर पर आए तो उस दिन मैं अपने घर की साफ सफाई कर रही थी। विनोद जी मेरे घर पर आ गए वह मेरे साथ ही बैठे हुए थे। वह मुझे हवस भरी नज़रों से देख रहे थे उन्होंने मुझे कहा कि तुम अपना काम कर लो मैं तुम्हें तुम्हारे काम में डिस्टर्ब तो नहीं कर रहा।

मैंने उन्हें कहा नहीं आप बैठे रहो जब वह बैठे हुए थे तो वह मेरे स्तनों को बड़े घूर कर देख रहे थे। मैं उनसे अपने स्तनों को बार बार छुपा रही थी। मैं उन्हें अपने बेडरूम में ले गई जब मैं बेडरूम में उन्हें ले गई तो मुझे बहुत तेज टॉयलेट आ रही थी मैं टॉयलेट मे चली गई मैंने विनोदजी से कहा कि आप थोड़ी देर बैठ जाइए मैं टॉयलेट होकर आती हूं। मैं जब टॉयलेट करने गई तो जब मै वापस अपने कमरे में आई तो विनोद जी मेरे बिस्तर पर लेटे हुए थे और वह सो चुके थे। मैंने जब अपनी अलमारी को देखा तो मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि जैसे मेरे कपड़े बिखरे हुए हैं। मैं समझ चुकी थी जब मैंने विनोदजी के लंड पर हाथ लगाया तो उनका लंड खडा हो रखा था। मैंने विनोद को उठाया उन्हें कहा आइए हम लोग बाहर हॉल में बैठते हैं। जब हम लोग हॉल में बैठे हुए थे

विनोद जी

मुझे हवस भरी नजरो से बार बार देख रहे थे। मेरा भी उस दिन मन खराब होने लगा मैंने भी 

विनोद जी

को अपने स्तन दिखाना शुरू कर दिया जब मैं उन्हें अपने स्तन दिखा रही थी तो वह अपने चश्मे के अंदर से बड़े ध्यान से मेरे स्तनों को देख रहे थे। मैं भी यह देखना चाहती थी वह कब तक अपने आपको कंट्रोल कर सकते हैं विनोद  जी का लंड पूरा खड़ा होने लगा था और उनसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। उन्होंने मुझे कह दिया कि तुम्हारे स्तन बड़े ही अच्छे हैं मैंने विनोद जी से कहा कि क्या आप मेरी योनि का सुख भोगना चाहते हैं। उन्होंने भी हामी भर दी और कहा कि हां मैं भी तुम्हें चोदना चाहता हूं उसके बदले मैं तुम्हें अपना घर दे दूंगा। मैंने उन्हें कहा ठीक है आप मुझे उसके बदले अपना घर दे देना और मेरी चूत मार लेना। मैं उन्हें अपने बेडरूम में ले गई उन्होंने मुझे बड़े ही अच्छे से चोदा। विनोद जी की मैंने सारी इच्छा पूरी कर दी। वह कई बार मुझसे मिलने के लिए आ जाया करते मैं हमेशा ही उनकी इच्छा पूरी कर दिया करती। एक बार मेरी चूत मे बहुत खुजली हो रही थी उस दिन में विनोदजी के घर चली गई और उन्होंने भी उस दिन अपने कडक लंड पर सरसों का तेल लगा लिया। जब उन्होंने मेरी दिल जैसे आकार की गांड में अपने कडक लंड को डाला तो मुझे बहुत तेज दर्द हुआ था। मैं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पाई थी और मेरी गांड से भी खून निकलने लगा था। विनोदजी कहते कि शबनम तुम्हारे गदराए बदन की बात ही कुछ और है। जिस प्रकार से मैं तुम्हारे यौवन का रसपान करता हूं मुझे आनंद आ जाता है। मुझे भी विनोदजी के कड़क लंड पर सवार होना अच्छा लगता है। मुझे उनसे गांड मरवाने मे बड़ा ही आनंद आ जाता है उनकी उम्र ज्यादा है लेकिन अब भी वह किसी जवान युवक से कम नहीं है। वह भी पूरे जवान हैं सिर्फ दिखने के ही वह बूढ़े हैं। जिस प्रकार से वह मेरी गांड मारते हैं मुझे तो ऐसा लगता है जैसे वह जवान है। जितने वह जवानी में चोदू रहे होंगे विनोद जी अब भी उतने ही चोदू है। उन्होंने भी सब कुछ मेरे नाम ही कर दिया है मैं भी समय समय पर उनकी मालिश करने के लिए जाया करती हूं और उनके बुड्ढे लंड को अपनी योनि में ले लेती हू। जब उनका ज्यादा ही मन होता है तो वह मेरी गांड के अंदर भी अपने लंड को डाल दिया करते हैं। इस प्रकार से मेरी और विनोद जी की सेक्स लाइफ चल रही है मै ही अब उनके लिए सब कुछ हूं। जब से मैंने विनोद जी का लंड अपनी चूत मे लेना शुरू किया है उसके बाद से तो मेरी सेक्स को लेकर भूख भी बहुत बढ़ने लगी है। मैंने अपने मोहल्ले में नए नए लड़कों पर डोरे डालने शुरू कर दिए है वह भी मेरी इच्छाओं को पूरा कर दिया करते हैं।अगले बुड्ढ़े की कहानी शबनम की जुबानी आप लोगो पसंद आने के बाद मुझे लिखे

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