शनिवार, 7 नवंबर 2020

भीड में आदिवासी फस गई बस मै


 में आप का दोस्त विनोद कुमार आप के लिए नई कहानी लेकर हाजिर हुआ हूं । एक बार मूझे नागपुर अचानक जाना पड़ा तो में बस डेपो में गया उन्होंने मुझे बोला की आखरी स्लीपर है लेकिन जनरल है। आप चाहे तो में आपकी बुकिंग कर रहे है तो उस दिन से है। मेने सोचा जाना चाहिए तो आप बुकिंग कर लो भया विंडो सीट है सवारी फूल होने के बाद बस निकलेगी । में बोला कि ठीक है और में बस के तरफ जाने लगा तो एक आदिवासी औरत तो का झुण्ड आता हुआ दिखाई दे रहा था उसमे काफी तगड़ी औरतें थी ।मेने सोचा ये सब अगर मेरे बस में आए तो साली रात बढ़िया गुजर जाएंगी । । में बस जाके बैठ गया कंडक्टर आया और बोला कि १ घंटा लग जाएगा बस जाने के लिए आप बाहर घूम सकते हो। मेने सोचा कि रात का समय है नींद आ रही है सोने से अच्छा रहेगा घूमना या स्टोरी पढ़ना मेने मोबाईल निकला स्टोरी पढ़ने लगा आधा घंटा निकल गया और मेरा लंड हिचकोले खाने लगा बस भर चुकी थी । में बोला कंडेक्टर को अब चलो तो भाई साहब आभि बस का भरी हैं सभी सवारी आणि बाकी हैं आधा घंटा बाद निकले गी फिर ओ आदिवासी सवारी बस के आंदर आना चालू हो गई बस फूल होने लगी सवारी इतनी कि बस में जगह नहीं मिल सकती थी बस के बीच में जहा जगह मिली वहा पर ओ लोग बैठ रहे थे। मेरे बाजू कि सिठ कि सवारी नासिक से बैठ ने वाली है ये मुझे कंडक्टर ने बताया और मेरे बाजू में एक मोटी औरत को बोला कि आप यहां बैठ जाओ ओ औरत आके बैठ गई मेरी सीट पैक हो गई मेरे को खड़ा होने को भी जगह नहीं मिल रही थी तो मेने बोला कि आप यहां बैठ जाए में उधर बैठ जाता हूं । ओ बोली टिक है उसने विंडो सीट पर बैठ गई मैं उसके बाजू में बैठ गया तो दूसरी मोटी औरत ने मेरे पैर के पास जाकर बैठ गई मेरा तो बूरा हाल था। लेकिन मैं ने देखा कि उन औरत तो का ब्लाउस अलग टाईप का था आगे से बंद

और पिझे से खुला बूब्स दिखाई दे रहे थे सभी सवारी वैसे ही थी मेने सेक्स स्टोरी पढ़ने के कारण मेरा लंड कड़ा होने लगा था और ये औरतें हुस्न की परियों दिख रही थी फिर आधा घंटा हो गया बस चालू हो गई। बस जनरल हो ने के कारण लाइट बंद कर दिए। में जैसा था वैसा ही बैठा रहा थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि अब चलो कुछ करते हैं छे बूब्स अपने आजू बाजू में है महिलाओं के। मेने देखा कि नीचे बैठी हुई औरत मेरे पैरों पर अपना मुंह रख कर सो गई है उसके बूब्स मेरे घुटने के ऊपर है मेरा लंड और गर्म हो गया में कहा चेनसे बैठने वाला था मेने आपनी मुंडी नीचे की ओर आपना हाथ उसके बूब्स को दबा ने के लिए रख दिया उसके बूब्स को टच कर ने के बाद मुझे लगा कि अब चलो कुछ भी कर सकते हैं उसने मुझे देखा और फिर सो रही थी मेरे को ऐसा करने के बाद मेरी बाजू वाली औरत देख रही थी उसने अपनी मुंडी नीचे की ओर सोने का नाटक करने लगी उसका बूब्स मेरे सामने खुला दिखाई दे रहा था मेने दोनो के बूब को दबाना चालू कर दिया ओ दोनो गर्म हो चुकी थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी मेरे समझ में आ गया था में जोर जोर से दबाना चालू कर दिया फिर में एक बार उणके और देखा तो वह भी मुझे देख रही थी मेरे बाजू वाली औरत ने मेरे पैर के पास जाकर अपने हाथ को दबा दिया मुझे अच्छा लगा फिर मैंने उसे बोला की मेरी रानी अपना हाथ मेरे लंड पर रख लिया और फिर सो ने का नाटक करने लगी। मेरे को तो बाहों त मजा आ रहा था और ओ औरत मेरे कान में कहा कि अब चलो कुछ करते है कि में करू मैं ने कहा कि अब तुम ही करोथा मुझे साफ सुनाई दे रहा था परंतु अभी की जांघ पर भी मेरा हाथ लगने लगा था उसकी गोरी जांघ को भी मैं दबा रहा था मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। काफी देर तक मैं उसकी चूत को दबाता रहा मुझे बड़ा मजा आया लेकिन जब रात के वक्त लाइट बंद हो गई तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और आदिवासी ने उसे अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया। आदिवासी जिस प्रकार से मेरे लंड को चूस रही थी मैने उससे इस बात का अंदाज लगा लिया था वह बडी कमाल की होगी।

उसने अपने मुंह के अंदर तक मेरे लंड को घुसा लिया था वह बड़े ही अच्छे से अपने मुंह में मेरे लंड को लेकर चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने अपने लंड को आदिवासी के मुंह से बाहर निकाला तो वह कहने लगी मुझे तो बड़ा मजा आ गया। मैंने आदिवासी से कहा मुझे भी तुम्हारे स्तनों को चूसना है अब मैं आदिवासी के स्तनों को चूसने लगा था और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। जिस प्रकार से मैं उसके स्तनों को चूसता उससे मुझे बहुत मजा आता और एक अलग ही बेचैनी जागने लगती। हम दोनों अपनी सीट में अलग ही मजा आने लगा हम दोनों ने शाल ओढ़ाकर एक दूसरे से चिपक गए तो नीचे वाली आदिवासी औरत ने मुझे अपने हाथ से अपनी बूब्स दबाने लगी मेरा पूरा मजा आने लगा था ओ वभी साथ दे रही थी शाल के अंदर हम दोनों नंगे हो चुके थे। मैंने आदिवासी के बदन से पूरे कपड़े उतार दिए थे और उसके कपड़े उतारते ही मैंने उसके स्तनों का रसपान काफी देर तक किए। उसके बाद जब आदिवासी के अंदर की आग जलने लगी तो मैंने उसने मुझे कहा मुझे तुम्हारी लंड को चाटना है। मैंने जैसे ही आदिवासी की चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो उसे बड़ा अच्छा लगने लगा उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था।

मैंने आदिवासी की योनि में लंड को सटाया तो वह कहने लगी आप इतना इंतजार क्यों कर रहे हैं अंदर ही डाल दीजिए। मैंने आदिवासी की योनि के अंदर अपने लंड को घुसा दिया उसकी योनि की दीवार से मेरा लंड टकराने लगा था मैं अपने लंड को आदिवासी की योनि के अंदर बाहर करता जा रहा था। मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था और आदिवासी को भी मजा आ रहा था आदिवासी के मुंह से मादक आवाज निकल रही थी और उसकी सिसकियां मेरे कानों में जाते ही मेरे अंदर उत्तेजना पैदा कर देती और मुझे बडा ही मजा आता। काफी देर तक मैंने आदिवासी की योनि के मजे लिए जब आदिवासी के पैरों को मैंने अपने कंधों पर रखा तो उसकी योनि मुझे और टाइट महसूस होने लगी थी। उसकी कमसिन योनि के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी तेजी से हो रहा था मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था। आदिवासी को भी बहुत ही अच्छा लग रहा था मैंने आदिवासी की योनि के अंदर बाहर जैसे ही अपने लंड को किया तो उसे मुझे बड़ा मजा आया। मैं ज्यादा देर तक रह ना सका जैसे ही मैंने अपने वीर्य को आदिवासी की योनि में गिराया तो वह मेरी बाहों में आ गई और कहने लगी अब सो जाते हैं।नीचे वाली आदिवासी औरत ने देखा तो में उसे भी मज़ा आने लगा था कि अब चलो एक बार फिर से अपनी बाजू कि सीठ पर तुम आजाओ ये आगले भाग २

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